सोमवार, 24 सितंबर 2012

डा0 भँवर लाल तिवारी 'भ्रमर'

ओ विप्र वैश्‍य क्षत्रिय शूद्रवीर
भारत रक्षण का उठा भार
कर प्राणों की आहुति अर्पण
दो जननी का संकट संहार

दुविधाओं कष्‍टों के समक्ष
तुम रहो अचल गिरि से सदैव
यदि हो अनुशासन बढ़ने का
बढ़ चलो वायु बढ़ती सदैव

तुम पर माता का अतुल प्‍यार
तुम युवक हिन्‍द के होनहार
आज़ादी क़ायम रखने को
लो इन कन्‍धों पर बोझ भार

तुम में देवों का पवित्र रक्‍त
तुम ॠषि प्रवीण तुम गरु महान
दे स्‍वस्ति वाच्‍य कर दो सशक्‍त
यह भारत हो फि‍र सौख्‍यवान

उठ देश अंग मानव विभूत
उठ मातृभूमि के शुचि सपूत
नहिं ऊँच-नीच नहिं भेद-भाव
सब धरा रत्‍न सब ईशदूत

मत बनो पतित कर्तव्‍यहीन
खोवो न आत्‍मबल निज अटूट
पर द्रव्‍य देख तज आत्‍म ज्ञान
भोली जनता को लो न लूट

हो विश्‍व शांति हो विश्‍व प्रेम
सुर करें डाह भू लोक देख
आ जाए फि‍र सतयुग सुकाल
हो राम राज्‍य की रूप रेख

बन जाए उर्वरा सकल भूमि
हो परिपूर्ण फि‍र देश कोष
भूले जनता फि‍र द्रोह द्वेष
सब मिल बोलें जय हिन्‍द घोष।

1 टिप्पणी:

जन कवि डा. रघुनाथ मिश्र ने कहा…

डा.भंवर लाल तिवारी 'भ्रमर' के सद्य प्रकाशित का व्यसंकलन 'भ्रमर उत्सव' पर उनकी ओर से उनके पुत्र को बहराईच के प्रख्यात कवि डा. अशोक पांडे 'गुलशन' द्वारा अपने पिताश्री कि स्मृति में हर वर्ष वरिष्ट साहित्यकार को दिया जाने वाला सम्मान 'पंडित ब्रिज सुन्दर पांडे स्मृति सम्मान-२०१२'मेरे निवास पर कोटा में मेरे जन्मदिन कि ६४वीन वर्षगाँठ के अवसर पर आयोजित कव्यसंध्या में डा. गुलशन के पुत्र, 'आकुल व मेरे हाथों कल दिया जाना वास्तव उनके साथ-साथ पूरे साहित्य जगत का अविस्मरणीय सम्मान है,जो लंबे समय तक हम सबको प्रेरित करता रहेगा.डा.भ्रमर शतायु पार कर गए हैं.इस अवसर पर उनकी कविता का पाठ उनके पुत्र अवनीश तिवारी द्वारा बहुत मायने रखता है. इससे उक्त सादे किन्तु अति महत्वपूर्ण सम्मान समारोह और मेरे जन्मदिन कि अहमियत को चारचांद लग गए.डा. भ्रमर को विनम्र मंगलकामना .-जन कवि डा. रघुनाथ मिश्र